उत्तर प्रदेश के Chief Minister ‘योगी आदित्याथ’ इस समय गोरखपुर दौरे पर हैं और इसी दौरान उन्होंने सोमवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने इस बयान में कहा कि, “ज्ञानवापी को मस्जिद कहना सही नहीं है।”
CM योगी ने कहा कि, “यदि ज्ञानवापी मस्जिद है तो फिर उसमें त्रिशूल क्या कर रहा है? ज्ञानवापी में सनातन धर्म के evidence मौजूद हैं, यहाँ की दीवारों पर कई Proof हैं। मुझे लगता है कि जो ऐतिहासिक गलती हुई है, उसे सुधारने के लिए मुस्लिम समाज की तरफ़ से पहल होनी चाहिए।”
“भगवान ने जिस किसी को भी नज़र दी है, उसे यह देखना चाहिए कि इसमें देवी – देवताओं की मूर्तियाँ हैं, ज्योर्तिलिंग है। मुस्लिम समाज को इस समस्या के समाधान के लिए आगे आकर पहल करनी चाहिए।”
CM योगी ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, “यदि भारत देश में रहना है तो वंदेमातरम कहना होगा।” ज्ञानवापी के case से जुड़े याचिकाकर्ता ने कहा कि, “CM योगी का बयान बिलकुल सही है। अब मुस्लिम पक्ष को अपनी ज़िद छोड़ देनी चाहिए।”
एक ओर expert द्वारा यह कहा गया कि, “ज्ञानवापी पर मुस्लिम पक्ष को Positive Way में लेना चाहिए। यदि उधर मस्जिद है तो मुस्लिमों को ज्ञानवापी के survey से ऐतराज क्यों है? विध्वंसक लोगों ने ऐतिहासिक तरीके से मन्दिरों को ध्वस्त करके उन्हें अपमानित करने का प्रयत्न किया गया है।”
मदन मोहन जोकि हिन्दू पक्ष के Advocate हैं उन्होंने कहा कि, “यदि CM योगी यह बात कह रहे हैं, तो वो गलत नहीं है। नवम्बर 1993 तक लगातार शृंगार गौरी मंदिर में पूजा होती रही है।”
“काशी मथुरा विवाद का समाधान हमेशा के लिए होना चाहिए और मुस्लिम पक्ष को भी अब सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए। वहाँ नागर शैली में मन्दिर बना हुआ है, कमल बना हुआ है। ये महज जिद है, मस्जिद नहीं है।”
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