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भारत की उम्मीदों का यान चंद्रयान – 3 निकल चुका है सफ़र पर

भारत की उम्मीदों का यान चंद्रयान - 3 निकल चुका है सफ़र पर

चाँद को अपनी मुट्ठी में करने का भारत द्वारा एक और सफल प्रयास किया गया है। आज यानी 14 जुलाई 2023 को भारत के scientists द्वारा दोपहर 2 : 30 बजे श्रीहरिकोटा से चन्द्रयान – 3 launch कर दिया गया है।

सिर्फ़ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नज़रें इस mission पर लगी हुई हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि चन्द्रयान – 3 mission के अंतर्गत इसका robotic equipment 24 अगस्त तक चाँद के shackleton crater नामक हिस्से पर उतर सकता है, जहाँ पर अभी तक किसी भी देश का Campaign नहीं पहुँच पाया है।

जिस कारण सम्पूर्ण विश्व की निगाहें भारत के इस mission पर लगी हुई हैं। चन्द्रयान – 3 को Launch Vehicle Mark – 3 rocket से launch किया गया। lander को सफलतापूर्वक चाँद की surface पर उतारने के लिए इसमें बहुत से safety devices को लगाया गया है। चन्द्रयान – 3 mission की theme ‘चंद्रमा का विज्ञान’ यानी ‘Science Of The Moon’ है।

आज हम आपके साथ चन्द्रयान – 3 mission द्वारा तय की जाने वाली दूरी के साथ इसकी और भी विशेषताओं पर detail में चर्चा करेंगे।

कितने दिन में पूरा होगा सफ़र?

अगर देखा जाए तो चाँद की धरती से दूरी लगभग 3.84 लाख किलोमीटर है। इस हिसाब से चन्द्रयान – 3 इस दूरी को लगभग 40 से 50 दिनों में तय करेगा। ISRO की planning के according इसे 23 – 24 अगस्त को चाँद के south pole पर vikram lander की soft landing करवाई जाएगी।

यदि ऐसा संभव हुआ तो भारत south pole पर पहुँचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा।

कितनी रफ़्तार से आगे बढ़ेगा चन्द्रयान - 3

यदि बात की जाए इसकी रफ़्तार की तो चन्द्रयान – 3 लगभग 36 हज़ार 968 किलोमीटर प्रति घण्टा की रफ़्तार से आगे बढ़ेगा। launch के दौरान इसकी शुरुआती रफ़्तार लगभग 1,627 किमी/घण्टा थी और launch के 108 second के बाद लगभग 45 किमी की ऊँचाई पर पहुँचते ही इसका liquid engine start हो गया।

जिस कारण rocket की रफ़्तार लगभग 6,437 किमी/घण्टा हो गई। फिर आसमान में 62 किमी की ऊँचाई तय करने के बाद दोनों booster इस rocket से अलग हो गए तथा rocket की रफ़्तार लगभग 7000 किमी/घण्टा तक पहुँच गई।

फिर तक़रीबन 92 किमी की ऊँचाई पर पहुँचते ही चन्द्रयान – 3 को atmosphere से बचाने वाली heat shield अलग हो गई एवं 115 किमी की दूरी पर इसका liquid engine भी अलग हो गया तथा cryogenic engine ने काम करना start कर दिया।

उस समय इसकी रफ़्तार लगभग 16 हजार किमी/घण्टा थी। cryogenic engine इसे लगभग 179 किमी तक ले गया तथा इसकी रफ़्तार बढ़कर 36968 किमी/घण्टा हो गई।

Lander - Rover का क्या नाम रखा है?

चन्द्रयान – 3 के Lander का नाम ‘विक्रम’ एवं Rover का नाम ‘प्रज्ञान’ ही रखा गया है। इसके Rover के अन्दर ही Lander मौजूद है। चन्द्रयान – 3 mission, जिसे लगभग 615 करोड़ रुपये की Cost से बनाया गया है। इसका target चन्द्रयान – 2 की तरह ही रखा गया है।

इसके माध्यम से चाँद के surface के बारे में अधिक से अधिक information collect करनी है। ख़ासतौर पर चाँद के सबसे ठण्डे स्थान की information collect करनी है। चन्द्रयान – 3 के lander पर 4 type के scientific payload जा रहे हैं।

इनके द्वारा चन्द्रमा के surface की thermal properties, चाँद पर आने वाले भूकम्प, इसके surface के पास plasma में बदलाव आदि को मापने की कोशिश की जाएगी।

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